बुधवार, 23 मार्च 2011

garibi / leader

भूखे, नंगे, भ्रष्ट चारियो का देश 
ऍम पी आई . के ताजा विश्लेषण के अनुसार 42.1 करोड़ लोग अभी भारत में गरीबी रेखा से भी नीचे जीवन जी रहे हें
गरीब देश के कुछ अमीर नेता की सूची
 MAYAWATI
Mayawati is the richest chief minister in India, with assets worth an eye-popping Rs 86 crore. The Bahujan Samaj Party chief has sure come a long way since her humble days as a school teacher and a grassroots Dalit leader.
She owns property worth Rs 75 crore, including a commercial centre in Okhla worth Rs 15.5 crore and plots at Sardar Patel Marg worth over Rs 54 crore, among others.The CM, known for her penchant towards diamonds, owns jewellery worth Rs 90 lakh.
PRAKASH SINGH BADAL
The second richest chief minister in India Parkash Singh Badal lags well behind his counterpart in Uttar Pradesh financially, with assets worth Rs 8.6 crore.
Not surprisingly, the ruler of the cradle of green revolution owns farmland worth Rs 4 crore. He also owns property worth over Rs 2 crore and jewellery worth over Rs 38 lakh.
ANDHRA PRADESH CM
With total assets worth Rs 8.1 crore, Kiran Kumar Reddy, the third richest CM in India, gives tough competition to Badal
Reddy, who surprised many by replacing K Rosaiah as the Andhra CM, owns property worth nearly Rs 5 crore. He owns a house worth Rs 2.7 crore in the posh Banjara Hills area of Hyderabad and a plot worth Rs 2 crore in Bengaluru, among others. He also owns three cars a Maruti 800, a Hyundai Verna and a Mahindra Scorpio -- worth Rs 15 lakh.
KARNATAKA CM
He may have recently made news for all the wrong reasons, but the Karnataka CM is one rich man, with assets worth Rs 5.38 crore. Yeddyurappa, who is facing allegations of land scams, owns property worth Rs 3 crore and farmland worth Rs 80 lakh. He also owns gold worth Rs 31.5 lakh and silverware worth Rs 15.9 lakh, along with household goods worth Rs 7.6 lakh.
That's not all. Yeddyurappa boasts of an impressive bank balance of over Rs 21 lakh and cash worth nearly Rs 2 lakh!
ORISSA CM
The son of former Orissa chief minister Biju Patnaik, he has served as the state's chief minister for over 10 years. His total assets are worth Rs 4.7 crore, with shares worth over Rs 3 crore in various properties in Delhi and Bhubaneshwar. He also owns farmland worth Rs 1.5 crore. The CM, who is a bachelor, owns jewellery worth Rs 1.5 lakh.
HARYANA CM
Hooda owns assets worth Rs 3.74 crore, including immovable assets worth Rs 1.8 crore. He also owns gold worth Rs 65 lakh and silver worth Rs 60 lakh.
Interestingly, the Haryana CM owns movable assets worth Rs 1.94 crore, which include a revolver and a rifle.
J&K CM
Abdullah has something in common with both Karnataka CM B S Yeddyurappa and Orissa CM Naveen Patnaik. He has been hitting the headlines for all the wrong reasons and he also happens to be the son of a former chief minister (Farooq Abdullah). Abdullah owns assets worth Rs 2 crore, including a factory in Himachal Pradesh and a flat in New Delhi. He also owns jewellery worth Rs 40 lakh and personal assets, including a jeep, worth Rs 10 lakh, among others.
GUJRAT CM
The Gujarat CM has always managed to attract controversies effortlessly. But in the hopelessly corrupt milieu of Indian politics, Modi has maintained a 'clean' reputation. In the affidavit filed before the Election Commission, Modi has declared assets worth Rs 1.78 crore. He owns a plot worth Rs 1.65 crore in Gandhinagar, bank deposits worth Rs 8 lakh and savings of Rs 3.4 lakh. He also owns gold rings worth Rs 50,000.
DELHI CM
Yet another CM who has lately received considerable negative media coverage, Delhi Chief Minister Sheila Dikshit owns assets worth Rs 1.3 crore. Dikshit owns immovable property worth Rs 63.26 lakh and gems, jewellery worth Rs 3.4 lakh.
UTRAKHAND CM
The Uttarakhand CM owns assets worth Rs 1.07 crore, including property worth nearly Rs 68 lakh, farmland worth Rs 3 lakh and bank balance worth Rs 30 lakh, among others.
WEST BANGAL
His arch rival and Trinamool Congress chief Mamata Banerjee regularly features among the poorest Parliamentarians in India. Not to be outdone, Bhattacharjee is ranked as the poorest CM of India, with assets worth only Rs 15.2 lakh! The beleaguered CM owns NSC certificates and LIC policies worth 2.65 lakh, bank deposits worth Rs 6.42 lakh and gold ornaments worth Rs 5 lakh, among other things. He also owns Rs 3,550 in cash! 

अरबो की सम्मति के मालिक हें ये देश के नेता 
एक बार कुर्सी मिल जाये तो पीडियो को कमाने की कोई जरुरत नहीं हें , में राजस्थान के उदयपुर से निकल कर भारत घुमने निकला, सबसे पहले अजमेर पंहुचा जहा दरगाह हें प्रथ्विराज चौहान की एतिहासिक नगरी , मगर यह रेलवे स्टेसन से बाहर निकलते ही भिखारियों से मुलकात हो गयी, वही फटे-हाल, गंदे कपड़ो, जिनके शरीर से बदबू , कई महिलाये तो गोदी में बच्चो को उठाये, बच्चो के लिए दूध मिल जाये इस तरह रूपये मांग रही हें | , तभी कही से एक ८-९ साल का बच्चा आता हें , गूंगा हो इस तरह से हाथो का इशारा करते हुए भीख मांगने लगता हें | 
मेरे मन की साडी खुशिया काफूर हो गयी |  दुखी मन से बच्चे को ५ का सिक्का दिया | और ऑटो की और कदम बदाय ही था कि तभी ३ बच्चे और सामने आ खड़े हुए , में उन बच्चो कि बात सुनू या ऑटो वाले से मोल भाव करू | 
यह कोई भारत के किसी एक जगह कि स्थिति नहीं हें पुरे भारत कि यही स्थिति हें , आप द्वारिका ,  मथुरा ,  उड़ीसा , गाया, वर्न्दावन , या किसी भी तीर्थ पर जाये , या कोई भी देखने वाली जगह पर जाये , सब जगह आप को एक गंदगी भरा , माहोल जरुर दिखाई देगा, 
हम कहते के भारत के गाँवों कि स्थिति बहुत ख़राब हें , मगर नहीं , गाँवों कि स्थिति कि तो बात करनी हें मगर हमें मालूम हें शहरो कि स्थिति भी कोई देखने लायक नहीं हें | 
शहरो में चौराहों पर सोने वाले कम नहीं हें , गली मोहल्लो में रेल कि पटरियों पर शोच करने वाले आज भी कम नहीं हें,  फुटपाथ पर सोने वाले, रोज कचरा बिनने कर जीवन जीने वाले कोई कम नहीं हें , प्लास्टिक  का तरपाल बांध कर रहने वाले , सड़क किनारे रहने , खाने वाले और  खड्डों में नहाने वाले कि संख्या कोई कम नहीं हें | 
बीमार होने पर इलाज के लिए दर दर भटकने वाले रूपये नहीं हें , 
क्या हमारा देश आज भी भूखे नंगो का देश हें , चारो तरफ भ्रस्टाचार , नेता जिनके हाथो में देश कि बागडोर हें , पुलिश  जिन पर लोगो का विश्वास हें , वह भी जो दोषी हें उसको नहीं पदक पति हें , कानून जो भय और न्याय का प्रतिक हें , जन्हा न्याय होने में सालो लग जाते हें | 
स्वार्थो से भरे लोग 
गुजरात का भूकम्प  लाखो लोग कि जान ले लेता हें, बिहार कि बाढ़ हर साल , लाखो लोगो कि जान ले लेती हें | और लाखो को बेघर कर देती हें | कुछ नहीं हो पाता हें हर साल गरीब आंसू बहाता हें | उड़ीसा कि भुखमरी , राजस्थान का सुखा , असम के जातीय दंगे , आंद्रप्रदेस में अलग राज्य कि मांग - हिंशा, या दंतेवाडा कि घटना , उत्तरप्रदेश का पिछड़ापन , इतनी सारी समस्या , कृषि प्रधान देश जो कहा जाता हें उसी देश में अनाज का संकट , लाखो टन आज भी गोदामों में सड़ रहा हें , और देश में अनाज का संकट , शर्म आणि चाहिए | 
११ लाख के करीब सेन्य शक्ति , विश्व में दूसरे स्थान सेन्य शक्ति में हम फिर भी उस देश कि जमीं पर रोज कब्ज़ा किया जा रहा हें | निक्कमी सरकारे आती हें चली जाती हें | चुप रहती हें | ये सरकारे | भ्रष्ट सरकारे | एक पडोशी देश आंतकवादी गतिविधियों के द्वारा नाक में दम कर रखता हें | कभी ट्रेन , कभी संसद , कभी मंदिर , तो कभी रेलवे स्टेसन , में गोला बरी होती हें , 
नेता अफसोस करते हें , और मुर्ख जनता मेरा भाई हें , मेरा पडोशी हें , मेरी जाति का हें , मेरे समाज का हें , मेरे गाँव का हें , कुछ नहीं वोट दो आगे बड़ा दो , 
कोंन हें इस देश का मालिक ---- देश हित नहीं भाई - खुद का हित हें , 
जापान ने तो redishiyan  को रोक लिया ... भूकम्प , सुनामी , सब को सहन कर लिया , हमरे यहाँ एसा हुआ तो लाखो लोग मरे जायगे .... क्यों कि हम तो भगवन भरोसे रहते हें | जिम्मेदारियों से कोषों दूर हँ हम .... 
यह बात यहाँ ख़त्म नहीं हें ... सोचना , और कुछ करना हमरी जिम्मेदारी हें




मंगलवार, 1 मार्च 2011

Rajasthan

राजस्थान व गुजरात के आसपास के इलाको  में प्रचलित एक दुखदायी प्रथा जिसे मोटाना कहा जाता हे
मुसीबत कभी कह कर नहीं आती हे 
आप राजस्थान के आदिवासी बहुल बासवाडा , डूंगरपुर , प्रतापगड में हे
आप गाडी चला रहे हें, अचानक गाडी से किसी व्यक्ति का एकसीडेंट हो जाता है और सामने वाले की मोत हो जाती हें आप दोस्तों के बिच में बेठे हें अचानक आपके दोस्तों के बिच कहा सुनी हो जाती हें और लड़ाई में किसी की मोत हो जाती हें, आपके पास गाय, बकरी हें आपका पशु किसी के खेत में मर जाता हें , या किसी का पशु आपकी गाडी से मर जाता हें तो समझिये की आप मुसीबत में हे 
आइये चलते मुख्य बात की और 
मोताना ... आदिवासीयो में यदि किसी की मोंत या कोई  घटना घटित हो जाती हें तो आरोपी को तुरंत घेर लिया जाता हें , आदिवासियों के महिला , पुरुष , बच्चे , सभी इकठे हो जाते हें , ऐसे  मामले में मुख्य भूमिका आदिवासियों के दबंग लोग निभाते हें 
दबंग लोग आधे गोले के रूप मे बेठ जाते हें एक तरफ आरोपी और प्रत्यारोपी दोनों खड़े रहते हें मामले के अनुसार आरोपी के राशि मांगी जाती हें , इस पुरे मामले में पुलिस केवल बिचोलिय की भूमिका निभाती हें , 
आरोपी यदि भाग जाता हें तो लाश को आरोपी के घर के आगे रख दिया जाता हें | घर के आगे लाश को रखने की प्रथा को चकोदारा कहा जाता हें , जब तक मोताने की राशी नहीं मिलती तब तक लाश का अंतिम संस्कार नहीं किया जाता हें चाहे इसमें कितना ही समय क्यों न लगे ,ऐसे  मामलो में कई बार आरोपी यदि भाग जाता हें तो पुरे गाँव से मोताना वसूला जाता हें , पुरे गाँव में लुट पट की जाती हें ,यदि आरोपी द्वारा राशी दे दी जाती हें तब मामला सुलझ जाता हें और तब दबंग वर्ग के गुड खाने की प्रथा हें 
अभी फरवरी की घटना हें 
उदयपुर में अम्बामाता पुलिस ठाणे की घटना हें इस में एक महिला की बीमारी से मोत हो गयी मोंत  के चार दिन बाद १ लाख रूपये मिलाने पर प्रत्यारोपि द्वारा लाश का अंतिम संस्कार किया गया 
घटना इस तरह हें भीलू राणा बस्ती निवासी नर्बदा पत्नी नारायण लाल मीना की मुर्त्यु शनिवार को हो गयी पीहर वालो द्वारा लाश को उन्दरी गाँव में ले जाया गया , ससुराल और पीहर दोनों की बातचीत चल रही थी इस दोरान पुलिस ने सुरक्षा के तोर पर पुलिस बल को तेनत  कर दिया था मंगलवार को १ लाख रुपया मोताना राशी मिलाने पर लाश का अंतिम संस्कार किया गया 
टीक इसी तरह की एक और घटना एक और हे 
उदयपुर '' राजस्थान '' के फालसिया गाँव के एक अध्यापक को रात में कुछ लुटेरो ने घायल कर दिया और इलाज के दोरान उनकी मुर्त्यु हो गई गाँव और परिवार जनो ने शव को पुलिस थाने के बाहर रख दिया और मोताना की मांग करने लगे, पुलिस ने समझाने की कोशिस की मगर ग्रामीण नहीं माने, सुरक्षा के तोर पर पुलिस ने गाँव और पुलिस थाने में अतिरिक्त पुलिस बल तेनत किया गया , आदिवासियों के १३ फला और १५ सो आदिवासियों ने हथियार लेकर मोटाने की मांग की गई, दुसरे दिन मोटाना राशी मिलाने पर लाश को ठाणे से हटाया गया, तब जा कर शव का अंतिम संस्कार हो पाया, 
राजस्थान में प्रचलित इस प्रथा के चलते कई परिवार आज भी अपने घरो से बेघर हो चुके हे, यह प्रथा केवल एक वर्ग के कमाई करने का तरीका हे, आदिवासियों में मोटाने के घटना आप यहाँ राजन सुन सकते हे, मोटाने के मामले में पुलिस व प्रशासन एक मूक दर्शक हे , इन जगहों पर आज भी आदिवासियों की प्रथाए ज्यो की त्यों प्रचलित हे